Tuesday, 4 July 2017

उपरोध

मै यहा इस राष्ट्र में,
जहा राष्ट्रभक्ती निंद्य है।

मै यहा इस राष्ट्र में,
जहा राष्ट्रभक्ती असहिष्णू है ।

भावना पैरोतले ,
यहा रौंध जाना आम हे ।

कुछ मै कहू तो हिंदुत्ववादी ,
यदि वो कहे तो निरपेक्ष है ।

यहा प्रलय के उपरांत जो
राहत दिलाये वो "आतंकवादी" ।

और "काफरो को काट डालो"
कहते है ये "समाजवादी"।

जब देश की सरकार ने प्रगतोध्यास का नारा दिया ,
वो कहने लगे ये असहिष्णू है , प्रगति तो इनका ढोंग है ।

अब आप ही ये तै करे ,
क्या सत्य है क्या असत्य है ।

मै करू यही प्रार्थना ,
सजग रहो और सचेत भी ।

- अचलेय ( नचिकेत गद्रे )
04/12/2015

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