Friday, 5 April 2019

तराशे पल

कुछ पल ऐसे भी जी रहा हूँ
जो मेरी कहानी को तराश रहे है
सब्र अब इतना करना है के
उन तराशे हुए पलो की बोरी
अपने किताबो के पन्नो में
अच्छेसे बो पाऊ
क्योकि बोरी में वो पल
मैं छुपाने के लिए नही
बल्कि बचाने के लिए
रख रहा हूँ.

                     ~ अचलेय

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