Tuesday, 7 March 2023

नारी

 सृजन के संकल्परथ को

हांकने का तू सामर्थ्य है

प्रेम का अमृतकलश

है आंख में तेरे बसा

अनंत बल सामर्थ्य का

साकार रूप, तू ही है 

शिव को भी संपूर्ण करती

अर्धांगिनी तू शक्ति है

तुझे फूल मै अर्पण करूं तो

फूलों की शोभा बढ़े 

तू प्रेम है, तू शक्ति है

तू विश्वजननी नारी है


                          ~ अचलेय 

                        (८ मार्च २०२३)



ती एक उडी घ्यावीच लागते

ती एक उडी घ्यावीच लागते  दुर्गम पहाडात जन्मल्यावर  खडकात आदळण्याचा धोका पत्करून  सुसाट वारा लांबवर फेकू पहात असताना  पायथ्याला भिडणाऱ्या लाट...